The best Side of Shodashi

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Tripura Sundari's type is not just a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by symbols to be aware of further cosmic truths.

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

Shodashi is noted for guiding devotees toward bigger consciousness. Chanting her mantra encourages spiritual awakening, encouraging self-realization and alignment While using the divine. This reward deepens internal peace and wisdom, generating devotees additional attuned to their spiritual aims.

Worshippers of Shodashi seek not just content prosperity but will also spiritual liberation. Her grace is said to bestow both of those worldly pleasures and also the indicates to transcend them.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण here भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

The philosophical dimensions of Tripura Sundari prolong beyond her Actual physical attributes. She represents the transformative ability of magnificence, which might guide the devotee from the darkness of ignorance to the light of knowledge and enlightenment.

Goddess Shodashi is often known as Lalita and Rajarajeshwari which means "the a single who plays" and "queen of queens" respectively.

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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